SDM Ka Full Form English में Sub Divisional Magistrate होता है एवं हिन्दी में एसडीएम को उप प्रभागीय न्यायाधीश कहते है। एसडीएम आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और कई अन्य छोटी कार्रवाइयों के तहत मजिस्ट्रेट के कई विभिन्न कर्तव्यों का पालन करते हैं।
एसडीएम का अपने जिला के उपखंड के तहसीलदारों पर पूरा नियंत्रण होता है। वह अपने जिला अधिकारी और तहसीलदार दोनों के बीच की एक कड़ी का प्रतिनिधित्व करता है।
जिले का नियंत्रण जिला अधिकारी के पास होता है एवं जिले को अनुमंडल स्तर पर विभाजित किया जाता है जिसके अधिकारी एसडीएम होते है।
इस पोस्ट के माध्यम से आप SDM (एसडीएम) का फुल फॉर्म क्या है, SDM का मतलब क्या है ? इनके नियुक्ति प्रक्रिया, कार्य, वेतन से जुड़ी पूरी जानकारी दी जा रही है।
SDM (एसडीएम) का फुल फॉर्म
SDM Full Form in English | :- Sub Divisional Magistrate |
SDM Full Form in Hindi | :- उप प्रभागीय न्यायाधीश |
SDM का क्या मतलब होता है,

SDM जिला पदाधिकारी के बाद एक बड़ा अधिकारी होता है, जो मुख्य रूप से अपने जिले के प्रशासनिक, विकास, न्याय और व्यवस्था बनाये रखने से संबंधित कार्यों को करने की जिम्मेदारी निभाते है |
इसके साथ ही एसडीएम कानून और व्यवस्था का रखरखाव उनका पालन, आंसूगैस के गोले छोड़ने, कर्फ्यू को लगाने और भी सरकारी कानूनी कार्यो की अनुमति प्रदान करते है।
इसके साथ ही साथ एसडीएम प्रमाण पत्र बनाने का काम , शपथ पत्र, विवाह पत्र जारी करने आदि कामों को करते है |
एसडीएम का कार्य
जिले की सभी जमीन और व्यापार की देख रेख करने के लिए वर्तमान समय में सभी जिलें में एक उप प्रभागीय न्यायधीश की आवश्यकता होती है, जिस कारण से प्रत्येक जिले में SDM के पद होते है,
क्योंकि एसडीएम मुख्य रूप से जिले की सभी जमीन और व्यापार की देख रेख करने के लिए अपने मन मुताबिक़ कुछ फैसले लेते है। इसके अलावा जिले की सभी भूमि का लेखा – जोखा करने का काम पूरा करने वाला वह एसडीएम ही होता है, यह एक सम्मानीय पद होता है,
जिसमें व्यक्ति को सम्मान के साथ-साथ अच्छा वेतन भी प्रदान किया जाता है।
SDM की नियुक्ति
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्यों के लोक सेवा आयोग द्वारा SDM के पद पर नियुक्ति की जाती है। इसके द्वारा आयोजित सर्वाधिक लोकप्रिय पीसीएस (PCS) परीक्षा है। इसके लिखित परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवार का एक साक्षात्कार होता है।
हर राज्य में एक आयोग होते है, जो इस सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। राज्य की सिविल सेवा परीक्षा में SDM का पद सबसे बड़ा होता है। इस सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को उपखंड मजिस्ट्रेट (SDM) के पद पर नियुक्त किया जाता है।
इसके अलावे एक आईएएस ऑफिसर को भी अपने कैडर में पहली पोस्टिंग ट्रेनिंग के दौरान या बाद में एसडीएम के पद पर की जा सकती है। एसडीएम के पद पर कार्यरत रहने की कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होती है, क्योंकि इस पद के अधिकारी को हर समय कई प्रकार के ड्यूटी के लिए तैयार रहना पड़ता है।
एसडीएम को अपने क्षेत्र में प्रशासनिक मामलों से संबंधित कार्य करनी पड़ती है।
SDM (एसडीएम ) पद हेतु शैक्षणिक योग्यता
SDM पद के लिए अभ्यर्थी के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य होता है |
SDM (एसडीएम) पद हेतु आयु सीमा
- सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 40 वर्ष होनी चाहिए,
- अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी आवश्यक है
- अनुसूचित जाति और जन जाति के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी चाहिए।
- दिव्यांग अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 55 वर्ष होना अनिवार्य है।
SDM पद हेतु चयन प्रक्रिया
SDM Post हेतु Examination तीन चरणों में आयोजित किया जाता है |
- प्रारम्भिक परीक्षा
- मुख्य परीक्षा
- साक्षात्कार
प्रारंभिक परीक्षा का पैटर्न (Preliminary Exam Pattern)
प्रारंभिक परीक्षा का पैटर्न इस प्रकार है-
प्रश्न पत्र अंक
सामान्य ज्ञान 1 – 200
सामान्य ज्ञान 2 – 200
मुख्य परीक्षा पैटर्न (Main Exam Pattern)
मुख्य परीक्षा पैटर्न इस प्रकार है-
प्रश्न पत्र – अंक
हिंदी – 150 अंक
निबंध – 150 अंक
सामान्य अध्ययन 1 – 200 अंक
सामान्य अध्ययन 2 – 200 अंक
सामान्य अध्ययन 3 – 200 अंक
सामान्य अध्ययन 4 – 200 अंक
वैकल्पिक विषय पेपर 1 – 200 अंक
वैकल्पिक विषय पेपर 2 – 200 अंक
साक्षात्कार (Interview)
इन दोनों Exam में अभ्यर्थी को सफल होने के बाद अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, जिसमें अभ्यर्थी की योग्यता का आकलन किया जाता है | इसके बाद साक्षात्कार में सफलता प्राप्त कर लेने वाले अभ्यर्थी का चयन एसडीएम के पद पर कर दिया जाता है |
एसडीएम की प्रमुख जिम्मेदारियां
- प्रशासनिक एवं न्यायिक कार्य का निष्पादन
- क्षेत्रीय विवादों का निपटारा, आपदा प्रबंधन संबंधी कार्य
- राजस्व कार्यों में भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव
- राजस्व मामलों का संचालन
- सीमांकन और अतिक्रमण के मामले से निपटना,
- सार्वजनिक भूमि का संरक्षण, भू-पंजीकरण,
- राज्यों में लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव कार्य का निष्पादन
- विवाह रजिस्ट्रेशन करवाना, ओबीसी, एससी / एसटी और जन्म एवं निवास प्रमाण पत्र,
- एसडीएम का कार्य विभिन्न प्रकार के पंजीकरण करना कई तरह के लाइसेंस जारी करना, नवीकरण करना
- एसडीएम आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और कई अन्य नाबालिग कृत्यों के तहत विभिन्न न्यायिक कार्य का निष्पादन
वेतन और अन्य सुविधाएं
एसडीएम को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के अनुसार वेतन मिलता है। इन अधिकारियों की शुरुआती वेतन 56,100 रुपये से शुरु हो सकता है।
अन्य सुविधाएं

इन अधिकारियों को सैलरी के साथ सरकारी आवास, सुरक्षाकर्मी और घरेलू नौकर, सरकार की तरफ से वाहन, एक टेलीफोन कनेक्शन, मुफ्त बिजली, राज्य में आधिकारिक यात्राओं के दौरान आवास सुविधा, उच्च अध्ययन के लिए अवकाश, पेंशन आदि की सुविधाएं दी जाती है। कई राज्यों में उनके वेतन नियमों के आधार पर वेतन और सुविधाओं में कुछ अंतर हो सकता है।
Q. SDM का फुल फॉर्म क्या होता है?
Ans. SDM का फुल फॉर्म SUB-DIVISIONAL MAGISTRATE होता है।
Q. एसडीएम का फुल फॉर्म हिंदी में क्या होता है?
Ans. एसडीएम का फुल फॉर्म हिंदी में है- उप प्रभागीय मैजिस्ट्रेट होता है।
Q. SDM का वेतन कितनी होती है?
Ans. एसडीएम का वेतन लगभग 50K से 1.5 Lakh तक का होता है।
Q. SDM बनने के लिए कौनसी परीक्षा पास करनी होती है ?
Ans. SDM बनने के लिए PCS की परीक्षा Pass करनी होती है
Q. SDM कौन हो सकते है?
Ans. एसडीएम के पद पर State Civil Services का सीनियर ऑफिसर या, भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) का जूनियर मेंबर हो सकता है.
Conclusion
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