Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan – सुरक्षित गर्भावस्था एवं सुरक्षित प्रसव के जरिए मातृ एवं नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने हेतु लक्षित इस अभियान की शुरुआत 4 नवंबर 2016 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर की गई
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाएं प्रदान की जाती है
Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan का उद्देश्य
(क) गर्भवती महिलाओं को कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित कराना
(ख) गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुनिश्चित कराना

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के प्रमुख तथ्य
इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत देश भर की सभी गर्भवती महिलाओं को विशेष प्रसव पूर्व देखभाल मुफ्त में मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से उच्च जोखिम वाले गर्भधारण का पता लगाकर उसकी रोकथाम करने में मदद मिलती है
- इस अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 तारीख को महिलाओं को सुनिश्चित, व्यापक एवं उच्च गुणवत्ता युक्त वर्षों पूर्व देखभाल उपलब्ध कराई जाती है
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत केंद्रों में आने वाली गर्भवती महिलाओं की जांच के पश्चात चिकित्सकों के लिए मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड (MCP Card) भरना अनिवार्य है
- MCP Card पर गर्भवती चिकित्सक गर्भवती महिला की स्थिति और किसी जोखिम कारक आदि को एक स्पीकर के माध्यम से निम्न रूप से इंग्लिश करेंगे
हरा स्टीकर – कोई जोखिम नहीं
लाल स्टिकर – उच्च जोखिम की गर्भावस्था वाली महिला
नीला स्टीकर – गर्भावस्था के कारण उच्च रक्तचाप से पीड़ित महिला
पीला स्टीकर – मधुमेह आदि रोगों से ग्रसित गर्भवती महिला
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Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan के लाभ
- गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु की नियमित जांच से बड़ी बीमारी होने का खतरा कम हो जाएगा
- मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी
- समाज में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता में वृद्धि होगी
- जांच मुफ्त होने की वजह से कमजोर आर्थिक स्थिति वाली महिलाओं का जीवन सुरक्षित होगा

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के विश्लेषण
भारत में आज भी मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर के आंकड़े और असंतोषजनक है नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एक लाख जीवित जन्म देने वाली महिलाओं में से 113 माताएं काल का ग्रास बनती है
यदि आंकड़ों को और विस्तार से देखें तो भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 44 हजार माताए गर्भधारण संबंधी कारणों से मृत्यु को प्राप्त होती है
वही लगभग 6.6 लाख नवजात अपने जन्म का 28 दिन भी नहीं देख पाते इनमें से अधिकांश का कारण समय रहते जोखिम का पता ना चल पाना है
ऐसी स्थिति में जब महिलाओं के गर्भावस्था के जोखिमपूर्ण समय (दूसरी एवं तीसरी तिमाही) में आवश्यक चिकित्सकीय सलाह एवं जाँच उपलब्ध होगा, तो बड़ी मात्रा में अवांछित मृत्युओं को टाला जा सकेगा इससे जच्चा एवं बच्चा दोनों स्वस्थ एवं सुरक्षित होंगे इस दृष्टि से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान एक सराहनीय प्रयास है
Official Website: PMSMA
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